Put to Call Ratio in Hindi: अगर आप शेयर बाजार या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने कभी न कभी Put to Call Ratio (PCR) का नाम ज़रूर सुना होगा। यह एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है जो हमें बताता है कि बाजार में तेजी (bullish) है या मंदी (bearish)
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे:
- Put to Call Ratio क्या है
- PCR कैसे काम करता है
- इस रेशियो को कैसे पढ़ें
- Nifty और Bank Nifty में PCR का क्या मतलब है
- PCR से जुड़ी गलतियाँ और इसके फायदे
✅ Put to Call Ratio क्या है?
Put to Call Ratio यानी PCR एक ऐसा संकेतक है जो यह दर्शाता है कि ऑप्शन बाजार में कितने Put Options की तुलना में कितने Call Options खरीदे जा रहे हैं।
फॉर्मूला:
Put to Call Ratio = Total Put Options / Total Call Options
उदाहरण:
अगर NSE पर 8 लाख Put और 4 लाख Call ऑप्शन खुले हैं, तो PCR = 8 / 4 = 2
इसका मतलब निवेशक मंदी की आशंका में ज़्यादा Put खरीद रहे हैं।
🔍 PCR से क्या संकेत मिलता है?
जब PCR 1 से अधिक हो:
- अधिक Put खरीदारी हो रही है
- बाजार में डर या गिरावट की उम्मीद
- कभी-कभी यह over-sold market का संकेत भी हो सकता है
जब PCR 1 से कम हो:
- अधिक Call खरीदारी हो रही है
- बाजार में तेजी की उम्मीद
- कभी-कभी over-bought signal भी दे सकता है
📈 PCR का उपयोग कैसे करें?
- Market Sentiment पहचानने के लिए: PCR से यह समझ आता है कि निवेशक बुलिश हैं या बेयरिश।
- Reversal संकेत के लिए: बहुत ज्यादा PCR का मतलब हो सकता है कि अब बाजार में तेजी आने वाली है (Contrarian Indicator)।
- Intraday और Swing Trading में: PCR आपको छोटे समय की ट्रेडिंग में दिशा दिखा सकता है।
📊 Nifty और Bank Nifty में PCR का रोल
Nifty और Bank Nifty जैसे इंडेक्स में PCR रोजाना ट्रैक किया जाता है।
उदाहरण:
- Nifty PCR = 0.85 → Bullish सेंटिमेंट
- Bank Nifty PCR = 1.3 → Bearish सेंटिमेंट
आप NSE वेबसाइट या ऑप्शन एनालिसिस प्लेटफॉर्म जैसे Sensibull, Opstra आदि से ये डेटा प्राप्त कर सकते हैं।
📘 PCR vs Open Interest
PCR के साथ-साथ Open Interest (OI) को देखना बहुत जरूरी होता है।
- जहां सबसे ज्यादा Put OI है → Support Zone
- जहां सबसे ज्यादा Call OI है → Resistance Zone
PCR और OI को मिलाकर देखना ट्रेडिंग निर्णयों में स्पष्टता लाता है।
🚫 PCR से जुड़ी आम गलतियाँ
- केवल PCR देखकर ट्रेड ले लेना
- OI और Volume को नजरअंदाज़ करना
- PCR में sudden change को ignore करना
- इसे अकेले signal मान लेना
PCR को हमेशा RSI, VWAP, Price Action या Moving Average जैसे अन्य संकेतकों के साथ मिलाकर देखें।
🧠 निष्कर्ष
Put to Call Ratio एक बेहतरीन टूल है जो आपको मार्केट के मूड को समझने में मदद करता है। यदि PCR का सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो यह reversal, breakouts और intraday trend को पकड़ने में बेहद मददगार हो सकता है।
इसे अकेले signal के रूप में उपयोग ना करें, बल्कि अन्य इंडिकेटर और रणनीति के साथ मिलाकर इसका विश्लेषण करें।
पुट टू कॉल रेश्यो (PCR) से जुड़े FAQs
Q1. पुट टू कॉल रेश्यो (PCR) कहाँ देखें?
आप NSE या BSE की वेबसाइट पर, या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स (जैसे Zerodha, Upstox) पर PCR डेटा चेक कर सकते हैं।
Q2. क्या PCR हमेशा सही सिग्नल देता है?
नहीं, PCR अकेले पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है, इसे अन्य इंडिकेटर्स के साथ मिलाकर देखना चाहिए।
Q3. पुट टू कॉल रेश्यो (PCR) का सबसे अच्छा स्तर क्या है?
0.7 से 1.3 के बीच का PCR सामान्य माना जाता है। 1.5 से ऊपर या 0.5 से नीचे का PCR एक्सट्रीम स्थिति दर्शाता है।
अगर आप शेयर मार्केट, ऑप्शन ट्रेडिंग, या टेक्निकल एनालिसिस में रुचि रखते हैं, तो पुट टू कॉल रेश्यो (PCR) को समझना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा!
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